त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा में ब्रह्मा, विष्णु और शिव की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा करके पूजन का विधान होता है। त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा तब कराते है जब आपके परिवार में कोई
एक या एक से अधिक पूर्वजों की आत्मा असंतुष्ट है, पूर्वजों की आत्म प्रेत योनि में चली गई है, आपके पुराने पित्तरों की आत्मा आपके परिवार में विभिन्न तरह से परेशान
करते हैं, किसी की अकाल मृत्यु या असमय मृत्यु हुई हो तब ये पूजा कराते हैं, साथ ही पितृ दोष निवारण हेतु भी त्रिपिंडी पूजा कराना चाहिए।
नोट -
त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा हरिद्वार में विभिन्न घाटों में संपन्न कराई जाती है।
मोक्ष की नगरी हरिद्वार, कनखल या ऋषिकेश में अपने मृत परिजनों का या अपने पितरों का या पूर्वजों का अंत्येष्टि श्राद्ध, दशकर्म श्राद्ध, वर्षी श्राद्ध, पिंड दान,
पितृ दोष पूजा, नारायणबली पूजा एवं त्रिपिंडी पूजा कराने के लिए हमे अभी फोन करें।
हमें इस काम में 26 वर्षों का अनुभव प्राप्त है।